दमा या अस्थमा का सीधा संबंध वायु प्रदुषण से है। अस्थमा एक ऐसी स्थिति है जिसमें हमारे शरीर का वायुमार्ग यानी सांस लेने का रास्ता सिकुड़ जाता है और सूज जाता है और ज्यादा बलगम पैदा करता है। ऐसी स्थिति में सांस लेना मुश्किल हो जाता है और खांसी, घरघराहट जैसी तकलीफ हो जाती है।
अस्थमा अक्सर वायु प्रदूषण, ठंडे मौसम से ज्यादा होता है। इन परिस्थितियों से बचने का प्रयास करें। वायु प्रदूषण से एलर्जी, छींके आना, घरघराहट और अस्थमा के अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
अस्थमा या सांस के मरीज जितना हो सके घर के अंदर रहें। यदि बाहर जा रहे हैं, तो उन्हें अपनी नाक और मुंह को मास्क या नम कपड़े से ढंकना चाहिए और साथ में अपने इनहेलर्स को ले जाना चाहिए। अगर इनहेलर का इस्तेमाल करने के बावजूद लक्षण 20 मिनट में कम नहीं होते हैं तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ।
दमा के मरीजों को कॉफी का सेवन नहीं करना चाहिए । यह शरीर में एसिड की दर को बढ़ा देती है । दमा के मरीजों को मूंगफली भी नहीं खाना चाहिए । सोया और सोया से बने फूड आइटम भी दमा के मरीजों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
Asthma, also known as 'Dama' in Hindi, is directly related to air pollution. Asthma is a condition in which the airways, the paths through which our body breathes, become narrow, inflamed, and produce excessive mucus. In such a situation, breathing becomes difficult, leading to symptoms like coughing and wheezing.
Asthma is often exacerbated by air pollution and cold weather. Efforts should be made to avoid these conditions. Air pollution increases the risk of allergies, sneezing, wheezing, and asthma attacks.
Individuals with asthma should stay indoors as much as possible. If they need to go outside, they should cover their nose and mouth with a mask or a damp cloth and carry their inhalers. If symptoms do not improve within 20 minutes of using the inhaler, it's advisable to contact a doctor.
Asthma patients should avoid consuming coffee, as it can increase acid levels in the body. Peanut consumption should also be avoided by asthma patients. Food items made from soy and soy products can also be harmful to asthma patients.