करण अपने दोस्त श्याम से : आजकल वायु प्रदूषण की समस्या मानव स्वास्थ के लिए एक नई चुनौती ही बन गई है। हर साल हवा की गुणवत्ता में गिरावट देखने को मिल रही ।
श्याम : हाँ भाई, लेकिन यह भी तो नही पता कि हवा कि गुणवत्ता कितनी होने पर क्या प्रभाव होता है |
करण : मुझे तो आजकल हवा की गुणवत्ता के बारे में सभी सूचना मेरे whatsApp पर ही मिल जाती है और अब मैं उनकी जानकारी से हमेशा जागरूक भी रहता हूँ |
श्याम : अच्छा भाई ! वो कैसे ?
करण : देख भाई जैसे आज का सन्देश मैं तुम्हें तुम्हारे whatsApp पर भेजता हूँ, इसे पढ़ो तुम्हें सब समझ आ जाएगा |
श्याम : सन्देश देखता है और पढना शुरू करता है :
www.breezometer.com द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार आज बहादुरगढ़ शहर में हवा कि गुणवत्ता 250 है जो कि नार्मल से बहुत ज्यादा है |
गुणवत्ता को वायु गुणवत्ता सूचकांक द्वारा मापा जाता है। वायु गुणवत्ता सूचकांक या Air quality Index दैनिक वायु गुणवत्ता की रिपोर्ट करने के लिए एक सूचकांक है। यह बताता है कि हवा कितनी साफ या प्रदूषित है, और इससे जुड़े स्वास्थ्य प्रभाव चिंता का विषय हो सकते हैं। AQI को छह श्रेणियों में बांटा गया है।
www.breezometer.com के अनुसार AQI मापदंड 0 से 500 तक चलता है। AQI मान जितना अधिक होगा, वायु प्रदूषण का स्तर उतना ही अधिक होगा और स्वास्थ्य संबंधी चिंता भी उतनी ही अधिक होगी। शून्य से 50 AQI मान अच्छी वायु गुणवत्ता का प्रतिनिधित्व करता है । 51 से 100 मान आमतौर पर संतोषजनक माना जाता है । 101 से 150 संवेदनशील समूहों के लिए अस्वास्थ्यकर, 151 से 200 सब के लिए अस्वास्थ्यकर, 201 से 300 बहुत अस्वास्थ्यकर और 301 से 500 AQI मान खतरनाक वायु गुणवत्ता का प्रतिनिधित्व करता है।
वायु गुणवत्ता सूचकांक की संख्या को कण पदार्थ यानी पार्टिकुलेट मैटर पीएम10 पीएम 2.5 में व्यक्त किया जाता है। पीएम 10 का मतलब होता है की हवा में धूल और धुएं में पाए जाने वाले बेहद छोटे कण हैं, जिनका व्यास 10 माइक्रोमीटर (0.01 मिमी) या उससे छोटा है। भारत के केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, पीएम 2.5 और पीएम 10 के लिए वार्षिक औसत स्वीकार्य सीमा क्रमशः 40 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है।
यह सन्देश केवल सूचना प्रदान करने के उद्देश्य से दिया जा रहा है |
यह सन्देश आपको विंगीफाई फाउंडेशन नई दिल्ली एवं आयुष मंत्रालय भारत सरकार के राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड के क्षेत्रीय सहसुविधा केंद्र जोगिन्द्र नगर हिमाचल प्रदेश के सौजन्य से किसान संचार चंडीगढ़ के द्वारा भेजा गया है
यदि आप हमारे शोध कार्यक्रम में जुड़ना चाहते हैं तो कृपया इस लिंक को क्लिक करके वायु प्रदुषण के बारे में अपने विचारों से हमें अवगत कराएं
Karan to his friend Shyam: Air pollution has become a new challenge for human health. Every year, we see a decline in air quality.
Shyam: Yes, brother, but we don't know how air quality affects us.
Karan: Well, I receive all the information about air quality on my WhatsApp, which helps me stay aware.
Shyam: Really? How?
Karan: Look, brother, like today's message I sent you on your WhatsApp. Read it, and you will understand everything.
Shyam: He looks at the message and starts reading:
According to the information obtained from www.breezometer.com, today, the air quality in Bahadurgarh city is 250, much higher than normal.
Air quality is measured by the Air Quality Index (AQI). AQI is an index used to report daily air quality. It indicates how clean or polluted the air is and can be related to health effects. AQI is divided into six categories.
According to www.breezometer.com, the AQI scale ranges from 0 to 500. The higher the AQI value, the higher the level of air pollution and the greater the health concerns. AQI values from 0 to 50 represent good air quality. Values from 51 to 100 are considered satisfactory. Values from 101 to 150 are considered unhealthy for sensitive groups. Values from 151 to 200 are unhealthy for everyone. Values from 201 to 300 are very unhealthy, and 301 to 500 represent hazardous air quality.
The AQI number represents the concentration of particulate matter, namely PM10 and PM2.5, in the air. PM10 refers to very small particles found in dust and smoke, with a diameter of 10 micrometers (0.01 mm) or smaller. According to the Central Pollution Control Board (CPCB) in India, the annual average acceptable limit for PM2.5 and PM10 is 40 micrograms per cubic meter and 60 micrograms per cubic meter, respectively.
This message is provided only for informational purposes.
This message is sent to you by Wingify Foundation, New Delhi, and the Regional Facility Centre of the National Medicinal Plants Board, Ministry of Ayush, Government of India, in collaboration with Kisan Sanchar Chandigarh from Joginder Nagar, Himachal Pradesh.
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