ज्यादा जगह कचरे का सही ढंग से निपटारा नहीं किया जाता और हम इसे सहन करने के लिए मजबूर हैं। इस कचरे में भोजन, सब्जी के छिलके, सड़ा हुआ भोजन, फ़ालतू कागज, प्लास्टिक बैग, प्लास्टिक का सामान (रैपर, टूटी बाल्टी, टब आदि), इलेक्ट्रॉनिक कचरा, धुआं, धूल आदि शामिल है।
दैनिक जीवन में प्रतिदिन 250 ग्राम से 1 किग्रा कचरा एक घर से निकलता है । ठोस कूड़ा फेंकने की समस्या बढ़ने से वायु प्रदूषण हो रहा है।
ठोस कचरा से कई हानिकारक गैसें पर्यावरण में फैलती हैं जिससे सांस की बिमारियों का कारण बनाता है। वातावरण में बारीक कणों कि अधिक मात्रा मनुष्यों में बुखार और पुरानी सांस संबंधी बिमारी और फेफड़ों की हानि का कारण बनती है।
कूड़े के ढेर के जलने से निकलने वाला धुआं दूर रहने वाले लोगों के लिए वायु प्रदूषण का एक महत्वपूर्ण कारण है। यह सीने में दर्द, खांसी, एलर्जी, जलन, तनाव और सांस की समस्याओं की शिकायत का कारण बनता है।
लोगों में कचरे के ढेर से होने वाले नुक्सान के बारे में जागरूकता फैलाकर और ठोस व फल-सब्जी के छिलके जैसे कूड़े को अलग-अलग कूड़ेदान में डालने से भी कचरे का निपटारा हो सकता है | अपने आसपास वातावरण साफ और स्वच्छ रखने के लिए हम सभी का सहयोग बहुत जरुरी है।
The waste is not properly managed in many places, and we are forced to bear with it. This waste includes food, vegetable peels, stale food, unnecessary paper, plastic bags, plastic items (wrappers, broken buckets, tubs, etc.), electronic waste, smoke, dust, etc.
In daily life, 250 grams to 1 kilogram of waste is generated from a single household every day. The problem of increasing solid waste disposal is leading to air pollution.
Several harmful gases spread in the environment from solid waste, causing respiratory diseases. The excessive presence of fine particles in the air leads to fever, chronic respiratory diseases, and lung damage in humans.
The smoke released from burning heaps of garbage is a significant cause of air pollution for those living nearby. It causes chest pain, coughing, allergies, burning sensations, stress, and respiratory problems.
Raising awareness about the damages caused by heaps of garbage and disposing of solid waste separately, such as separating kitchen waste and fruit/vegetable peels, can help in waste management. It is crucial for all of us to contribute to keeping our surroundings clean and tidy.